October 2024 : दोस्तों, गैंगस्टर वो नाम है जिसे सुनते ही लोग और पुलिस दोनों ही डर जाते हैं। आजकल भारत में कई खतरनाक गैंगस्टर हैं जो पुलिस को चकमा देकर अपने अपराधों को अंजाम देते हैं। इस पोस्ट के माध्यम से हम आपको भारत के सबसे खतरनाक गैंगस्टर्स के बारे में बताएंगे, जिन पर लूट, हत्या, रंगदारी, डकैती और कई अन्य अपराधों के मामले दर्ज हैं। तो आपसे गुजारिश है कि इस पोस्ट को अंत तक जरूर पढ़ें।
1. बिल्लू सांडा: बिल्लू सांडा की कहानी कुछ यूं है कि हर बच्चा बचपन में ये सोचता है कि वो बड़ा होकर अपने माता-पिता और समाज का नाम रोशन करेगा। लेकिन कुछ बच्चे ऐसे भी होते हैं जो दूसरों को नुकसान पहुंचाने में गर्व महसूस करते हैं। सहारनपुर के मंडी क्षेत्र का बिल्लू सांडा, जिसका असली नाम नदीम है, भी कुछ ऐसा ही है। उसके खिलाफ तीन हत्याओं, लूट, डकैती और फिरौती मांगने के 16 मामले दर्ज हैं। वो लगभग डेढ़ साल से जेल में था, लेकिन 4 जनवरी को जब उसकी पेशी होनी थी, तब वो जेल से भाग निकला। भागने के बाद वो इंदिरा चौक में एक प्रॉपर्टी डीलर के घर पहुंचा और ₹10,00,000 की मांग की। पैसे ना मिलने पर उसने उन्हें मारने का इरादा बना लिया। लेकिन शुक्रवार को पुलिस ने उसे पकड़ लिया और उसके पास से चोरी की बाइक, तमंचा और कारतूस जैसे कई हथियार बरामद किए। जब इन्हें मीडिया के सामने लाया गया, तो नदीम उद बिल्लू सांडा ने कहा कि उसे मर्डर करने का बड़ा शौक है और वो पूरे भारत का बादशाह बनना चाहता है। उसने पुलिस को भी धमकी दी कि वो ज्यादा दिन जेल में नहीं रह सकता, वो फिर से भाग जाएगा। मीडिया के सामने उसने बताया कि खलनायक फिल्म देखने के बाद उसे क्रिमिनल बनने का ख्याल आया और अगर उस दिन उसे नहीं पकड़ा जाता, तो वो पांच लोगों को मार देता। बिल्लू सांडा का एक डायलॉग बहुत तेजी से वायरल हुआ, जिसमें वो कहता है कि उसका बाप बदमाश था और वो भी बदमाश है।
2. सुखा कहलावा: सुखा का असली नाम सुखबीर सिंह है। उसने अपना नाम अपने गांव के नाम पर रखा था। इसके पिता का नाम सुदर्शन सिंह और मां का नाम हरजिंदर कौर है। अब सोचो, इतना हैंडसम लड़का गैंगस्टर क्यों बना? इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है। सुखा एक अमीर परिवार से है। उसके माता-पिता अमेरिका जाना चाहते थे, लेकिन सुखा बचपन से ही झगड़ालू था, इसलिए उसका पासपोर्ट नहीं बन पा रहा था। आखिरकार, उसके माता-पिता को अमेरिका जाने का मौका मिला और उन्होंने सुखा को उसकी मौसी के पास छोड़ दिया। फिर सुखा 21 साल की उम्र में अपनी गर्लफ्रेंड से शादी करके ऑस्ट्रेलिया चला गया, लेकिन वहां वो कोई काम नहीं कर रहा था, जिससे उसकी पत्नी के साथ झगड़े होने लगे और वो वापस लौट आया। फिर से उसके झगड़े शुरू हो गए। सुखा के झगड़ों की वजह से उसकी पत्नी ने उसे तलाक दे दिया। इसके बाद सुखा और भी बड़ा गैंगस्टर बन गया। आपको बता दें कि सुखा पर 45 से ज्यादा मामले दर्ज हैं, जिनमें दो हत्या, आठ हत्या के प्रयास और लूट के मामले शामिल हैं। लेकिन दोस्तों, 21 जनवरी 2015 की शाम को 27 साल का कुख्यात बदमाश सुखा अपने दुश्मन के हाथों मारा जाता है और हमेशा के लिए इस दुनिया को छोड़ देता है।
3. नीरज बवाना: नीरज बवाना की कहानी कुछ इस तरह है कि दोस्तों, आप चाहे कितने भी गरीब परिवार से हों, अगर आप पढ़ाई पर ध्यान दें तो अपने और अपने समाज का नाम रोशन कर सकते हैं। लेकिन कुछ बच्चे गैंगस्टर बन जाते हैं। नीरज बवाना भी उन्हीं में से एक है। उसका जन्म दिल्ली के बवाना गांव में हुआ था और उसने सिर्फ 16 साल की उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रखा। जब वह तिहाड़ जेल में था, तब उसने सुरेंद्र मल्लिक उर्फ नीतू दबोदा के गैंग में शामिल हो गया और कई बड़ी वारदातों को अंजाम दिया। जैसे-जैसे उनके नाम पर रंगदारी, हत्या और लूट के मामले बढ़ते गए, गैंग भी बड़ा होता गया। नीरज सहरावत का नाम भी उसके गांव बवाना पर रखा गया। मई 2012 में उसने नरेला के विधायक सत्येंद्र राणा को फोन पर धमकी दी और खुद को नीरज बवाना बताया। नीरज बवाना ने ₹40,00,000 की मांग की थी। जब इसकी शिकायत की गई, तो उसे गिरफ्तार कर लिया गया। 2014 में उसने अपने दोस्त सोनू पंडित की हत्या में शामिल संदीप टेसर को मार डाला। इसके बाद से नीरज बवाना का खौफ दिल्ली और उसके आसपास के कई शहरों में फैल गया। आज नीरज बवाना दिल्ली का सबसे बड़ा डॉन माना जाता है, लेकिन फिलहाल वो तिहाड़ जेल में बंद है।
4. दुर्लभ कश्यप: दुर्लभ कश्यप की कहानी कुछ खास है। हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा उनके जैसा बने, लेकिन हर बच्चा ऐसा नहीं करता। कई बार बच्चे अपने माता-पिता के सपनों को तोड़कर गलत रास्ते पर चल पड़ते हैं। दुर्लभ कश्यप भी ऐसे ही एक कुख्यात गैंगस्टर हैं। उनके पिता एक शिक्षक थे, जो कई बच्चों को सही दिशा दिखाते थे, लेकिन दुर्लभ को ये रास्ता पसंद नहीं आया। उसने गैंगस्टर बनने का सपना देखा और बहुत कम उम्र में अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। उसने अपनी गैंग की शुरुआत फेसबुक पर की, जहां कई युवा उससे जुड़ गए। उसने अपने दोस्तों के साथ मिलकर कई अपराध किए, लेकिन एक बार पुलिस ने उसे पकड़ लिया और वह जेल चला गया। फिर भी, उसने जेल में रहकर अपने गैंग को चलाना जारी रखा। जेल से बाहर आने के बाद, उसने अपने काम को और बढ़ाया। जेल से बाहर आने के बाद दुर्लभ अपने घर लौटा और कुछ ही दिनों बाद अपने दोस्त के साथ चाय की दुकान पर गया। जैसे ही वह दुकान में पहुंचा, वहां मौजूद कुछ लोगों ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। जानकारी के अनुसार, दुर्लभ पर 36 बार चाकू से वार किया गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। 7 मई 2020 को उसने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।
5. सुनील राठी: बदला एक ऐसी भावना है जो इंसान को अंधेरे रास्ते पर ले जाती है और कई बेगुनाहों को भी नुकसान पहुंचा देती है। हम बात कर रहे हैं कुख्यात गैंगस्टर सुनील राठी की, जिसने अपने पिता के लिए प्रतिशोध लेने के चक्कर में कई लोगों की जान ले ली। ये कहानी यूपी के बागपत जिले की है, जो खेती के लिए जाना जाता था, लेकिन अपराधियों के लिए भी कुख्यात हो रहा था। सुनील के पिता, नरेश राठी, टिकड़ी के चेयरमैन बने और पारिवारिक झगड़ों के चलते एक दिन उनकी हत्या कर दी गई। नरेश राठी की हत्या का आरोप साहब सिंह राठी और मोहकम सिंह राठी पर लगा, और यहीं से सुनील राठी की गैंगस्टर बनने की कहानी शुरू होती है। उन्होंने अपने पिता की हत्या का बदला लेने की कसम खाई और अपनी गैंग बनाने लगे। पिता की हत्या के एक साल बाद, 2000 में, उन्होंने उन दोनों अपराधियों को खत्म कर दिया और लगातार चार हत्याएं कीं। उसके बाद ये लोग भागकर दिल्ली में छिप गए। वहीं एक शोरूम में घुसकर डकैती की और तीन लोगों की हत्या कर दी, फिर वहां से भी भाग निकले। इसके बाद कई दिनों तक ये हरिद्वार में रहे और वहीं से अपनी गैंग को ऑपरेट करते रहे। इसी दौरान ये अपनी ताकत भी बढ़ाते रहे। बता दें कि गैंगस्टर बनने में इसके माता-पिता का भी बड़ा योगदान है। इसकी मां भी कई बार जेल जा चुकी है।
6. पपला गुज्जर: पपला गुज्जर हरियाणा के महेंद्रगढ़ गांव का रहने वाला था। उसके पिता चाहते थे कि वह फौज में जाए, लेकिन पपला को पहलवानी का बहुत शौक था। इसलिए उसने गांव के पहलवान शक्ति सिंह से कुश्ती सीखना शुरू किया। कुश्ती के दौरान, उसने संदीप नाम के एक फौजी को पीट दिया, जो गांव की एक शादीशुदा लड़की के साथ अफेयर में था। गांव वाले उसे समझाने की कोशिश कर चुके थे, लेकिन वह नहीं माना। इस वजह से पापला ने अपने गुरु शक्ति सिंह और दोस्तों के साथ मिलकर उसे बुरी तरह से पीटा। कुछ समय बाद, उसके गुरु शक्ति सिंह की हत्या हो गई, और इसके बाद फौजी, उसकी मां, मामा और नाना की भी हत्या कर दी गई। इस मामले में पपला और उसके साथियों पर आरोप लगा। फिर 2016 में पपला को अवैध हथियारों के साथ पकड़ा गया, लेकिन कोर्ट ले जाते समय वह भाग निकला। 2019 में, उसने एक नेता जयराम की हत्या का बदला लेने की योजना बनाई और वहीं पर उसे पकड़ लिया गया। लेकिन कुछ घंटों बाद उसने थाने पर धावा बोल दिया और भाग निकला। फिर उसने जिया नाम की एक लड़की को अपने प्यार के जाल में फंसा लिया। लेकिन पुलिस को इसकी जानकारी मिल गई और 28 जनवरी 2021 को उसे फिर से गिरफ्तार कर लिया गया। तब से वह जेल में ही है।
7. अक्षय पालड़ा: अक्षय पालड़ा एक कुख्यात गैंगस्टर है जो सोनीपत का रहने वाला है। उसने अपने जीवन का पहला कतल सिर्फ 15 साल की उम्र में किया, जब उसने अपने चाचा को थप्पड़ मारने वाले शख्स का गला काट दिया। 2015 में, उसने एक मार्केट में पिता-पुत्र की हत्या कर दी। फिर जनवरी 2018 में, राजगढ़ चूरू की कोर्ट में जज के सामने दो लोगों को गोली मारकर खत्म कर दिया। उसी साल, उसने अपने विरोधी गैंग के एक सदस्य को 17 से 18 गोलियां मारकर ठिकाने लगा दिया। अब तक, उसने 5 करोड़ रुपये से ज्यादा की फिरौती वसूल की है। शुरुआत में, वह राजू बसोदी नाम के गैंगस्टर के साथ जुड़ा था और उनके साथ मिलकर तीन कतल किए। पिछले दो सालों से वह जेल में बंद लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आया और उनके साथ मिलकर चार बड़े कतल किए। फिलहाल, वह भी जेल में है।
8. रूपिंदर गांधी: रूपिंदर गाँधी के बारे में बात करते हैं। दोस्तों, सिक्के की तरह इंसान के भी दो पहलू होते हैं – अच्छाई और बुराई। रूपिंदर का जन्म 2 अक्टूबर 1979 को पंजाब के गांव रसूला में हुआ। ये गाँधी जयंती के दिन पैदा हुए, इसलिए इनका नाम रूपेंद्र गाँधी रखा गया। पढ़ाई में ये काफी तेज थे और फुटबॉल के राष्ट्रीय स्तर के बेहतरीन खिलाड़ी भी थे। 2001 में, जब उनकी उम्र 21 साल थी, वो सरपंच बन गए। गाँधी गांव में वो लोगों की मदद करने वाले एक साधारण इंसान थे, लेकिन रसूलरा गांव के बाहर रहने वालों के लिए वो एक कुख्यात गैंगस्टर बन गए। 5 सितंबर 2003 को, जब वो अपने दोस्त के साथ जा रहे थे, उन्हें अगवा कर लिया गया और सुलदी गांव में उनकी हत्या कर दी गई। 10 दिन बाद उनका शव भाखड़ा नहर में मिला।
9. श्रीप्रकाश शुक्ला: श्रीप्रकाश शुक्ला की कहानी वाकई दिलचस्प है। जब बात अपनी बहन की इज्जत की आती है, तो इंसान पागल हो जाता है। यही हुआ श्रीप्रकाश के साथ। 1993 में जब राकेश तिवारी नाम का गुंडा उसकी बहन के साथ बदतमीजी करता है, तो उसकी बहन अपने माता-पिता को बताती है। लेकिन माँ-बाप डर के मारे कुछ नहीं करते। जब यह सब श्रीप्रकाश को पता चला, तो उसने उसी जगह जाकर तिवारी और उसके पिता को मार डाला। 2021 में एक 25 साल के लड़के ने दिन के उजाले में हत्या की, जिससे उसका नाम अपराध की दुनिया में तेजी से फैल गया। 23 सितंबर जब वह अपनी प्रेमिका से मिलने आया, तो पुलिस की भीड़ में उसे भी मार दिया गया।
10. लॉरेंस बिश्नोई: लॉरेंस बिश्नोई, जो कि पंजाब के फाजिल्का के दुतरवाली का रहने वाला है, का जन्म 12 फरवरी 1993 को हुआ था। उसके पिता पंजाब पुलिस में कॉन्स्टेबल रह चुके हैं। बचपन से ही लॉरेंस खेलकूद में काफी अच्छा था, इसलिए परिवार को उम्मीद थी कि वो बड़ा नाम बनाएगा, लेकिन किसी ने नहीं सोचा था कि वो गैंगस्टर बन जाएगा। पढ़ाई के लिए चंडीगढ़ आया और डी ए वि कॉलेज में दाखिला लिया, जहां से उसके जुर्म की कहानी शुरू हुई। वो काफी स्मार्ट और पैसे वाला था, इसलिए दोस्तों ने उसे चुनाव लड़ने के लिए कहा, लेकिन मेहनत के बावजूद वो हार गया। हार को सहन नहीं कर पाने के बाद उसने एक रिवॉल्वर खरीदी और चुनाव जीतने वाली टीम से बदला लेने का मन बना लिया। 2011 में उसका सामना उदयपुर के एक ग्रुप से हुआ, जो उसके चुनाव में जीत गया था। फिर उस गुटबाजी के कारण उस पर पहला केस दर्ज हुआ। इसके बाद, उसने दूसरे ग्रुप को सबक सिखाने के लिए एक बड़े गैंगस्टर से हाथ मिला लिया। फिर वो अपराध करने लगा और आज तक कई बड़े सेलेब्रिटीज को खत्म कर चुका है, और इसका खौफ दिन-ब-दिन बढ़ता जा रहा है। बता दें कि अब तक लॉरेंस पर लगभग 65 से ज्यादा आपराधिक मामले दर्ज हो चुके हैं।