Jio Coin: मुकेश अंबानी की जियो प्लेटफॉर्म्स ने पॉलीगॉन लैब्स के साथ मिलकर एक नई साझेदारी की घोषणा की है, जिससे Jio Coin के बारे में चर्चा तेज हो गई है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) की डिजिटल शाखा, जियो प्लेटफॉर्म्स ने अपने मौजूदा एप्लिकेशंस और सेवाओं को वेब क्षमताओं से सशक्त बनाने के लिए पॉलीगॉन लैब्स नामक ब्लॉकचेन कंपनी के साथ सहयोग किया है। इस सहयोग का मुख्य उद्देश्य जियो के 450 मिलियन से अधिक ग्राहकों को पॉलीगॉन के ब्लॉकचेन समाधानों का लाभ प्रदान करना है।
Polygon के साथ साझेदारी
पॉलीगॉन लैब्स के ग्लोबल पेमेंट्स हेड ऐश्वर्या गुप्ता ने बताया कि यह सहयोग रिलायंस को पॉलीगॉन के इन्फ्रास्ट्रक्चर का उपयोग करने का अवसर प्रदान करता है, जिससे वे अपने ग्राहकों को वेब3 तकनीक का लाभ उठाने में मदद कर सकते हैं। इस साझेदारी का मुख्य उद्देश्य ऐसे एप्लिकेशनों का विकास करना है जो पॉलीगॉन के बैकएंड पर कार्य करें, ताकि उपयोगकर्ता नई तकनीकों का लाभ उठा सकें।
ब्लॉकचेन तकनीक
गुप्ता ने गोपनीयता के कारण वेब3 उत्पादों के बारे में ज्यादा जानकारी साझा नहीं की, लेकिन उन्होंने बताया कि यह साझेदारी क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स (VDA) के अलावा ब्लॉकचेन तकनीक के अन्य उपयोगों पर भी ध्यान केंद्रित करेगी। गुप्ता के अनुसार, “एआई और क्रिप्टो का संयोजन नए एजेंटिक ढांचे के निर्माण की संभावना को जन्म देता है, जिसमें ब्लॉकचेन पर आधारित समुदाय और भुगतान जैसी सेवाओं का विकास किया जा सकता है।”
कैसा होगा पॉलीगॉन और वेब3 का भविष्य
2017 में Matic Network के रूप में शुरू हुआ, पॉलीगॉन को 2021 में Polygon के नाम से नया रूप दिया गया। कंपनी ने 2022 में एक फंडिंग राउंड के दौरान अपने मूल MATIC टोकन की निजी बिक्री से लगभग $450 मिलियन जुटाए। वेब3 इंटरनेट की अगली पीढ़ी को दर्शाता है, जो ब्लॉकचेन-आधारित उपयोग के मामलों जैसे क्रिप्टोकरेंसी, NFT और विकेंद्रीकृत वित्त को प्रोत्साहित करता है। इसका विकेंद्रीकृत स्वभाव उपयोगकर्ताओं को अधिक नियंत्रण प्रदान करता है।