आज के वैश्विक युग में, कई देश महाशक्ति के रूप में सामने आए हैं, और इनका कर्ज एक महत्वपूर्ण विषय बन गया है। जब हम इन महाशक्तियों की आर्थिक स्थिति की चर्चा करते हैं, तो कर्ज एक महत्वपूर्ण तत्व के रूप में उभरता है। चलिए, देखते हैं कि ये महाशक्तियाँ कितनी कर्ज में डूबी हुई हैं और इसका उनके विकास पर क्या प्रभाव पड़ता है।
कर्ज :
कर्ज उस राशि को कहते हैं जो किसी देश की सरकार ने अपने नागरिकों या विदेशी निवेशकों से उधार ली है। इस उधारी को एक निश्चित समय सीमा के भीतर चुकाना होता है। कर्ज का स्तर किसी देश की आर्थिक स्थिति का एक महत्वपूर्ण संकेतक माना जाता है।
प्रमुख महाशक्तियाँ और उनका कर्ज :
अमेरिका :
Worldometers की रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका की कुल जीडीपी $25.463 ट्रिलियन USD dollar है जो कि वर्ल्ड की जीडीपी का 25.32% है। साथ ही अमेरिका का कर्ज लगभग 33 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है। यह देश की जीडीपी का एक बड़ा हिस्सा है, जो आर्थिक स्थिरता को प्रभावित कर सकता है। अमेरिका विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और इसका कर्ज भी सबसे अधिक है। उच्च स्तर के कर्ज के बावजूद, अमेरिकी अर्थव्यवस्था में वृद्धि की संभावनाएं बनी हुई हैं।
चीन :
चीन ने पिछले कुछ दशकों में तेजी से विकास किया है, लेकिन इसके कर्ज स्तर भी चिंता का विषय हैं। प्रति व्यक्ति कर्ज अपेक्षाकृत कम है, लेकिन कुल कर्ज में वृद्धि जारी है। Worldometers के अनुसार अमेरिका की कुल जीडीपी $17.963 trillion USD dollar है जो कि वर्ल्ड की जीडीपी का 17.86% है। साथ ही चीन का कर्ज लगभग $17 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच गया है जोकि उनकी जीडीपी के बराबर है।
जापान :
जापान का कर्ज GDP के मुकाबले काफी अधिक है, जो आर्थिक विकास में बाधा डाल सकता है। हालांकि, जापान के पास उच्च बचत दर और निवेश है, जो इसे संभालने में मदद करता है। जापान की कुल जीडीपी $4.231 ट्रिलियन डॉलर है जबकि कर्ज लगभग $4.5 ट्रिलियन डॉलर है।
जर्मनी:
जर्मनी की अर्थव्यवस्था स्थिर है और इसका कर्ज स्तर भी नियंत्रित है। यह यूरोप की सबसे मजबूत अर्थव्यवस्था के रूप में जाना जाता है। यह विश्व की चौथी बड़ी अर्थव्यवस्था है। जर्मनी की कुल जीडीपी $4.072 ट्रिलियन डॉलर है जो कि वर्ल्ड की जीडीपी का 4.05% है। साथ ही जर्मनी का राष्ट्रीय कर्ज लगभग $6,703.7 billion डॉलर है।
भारत :
भारत तेजी से विकसित हो रहा है, और इसके कर्ज स्तर भी बढ़ रहे हैं। प्रति व्यक्ति कर्ज अन्य महाशक्तियों की तुलना में काफी कम है, जो विकास की संभावनाओं को दर्शाता है। Worldometers के अनुसार भारत की कुल जीडीपी $3.385 ट्रिलियन डॉलर है जो कि वर्ल्ड की जीडीपी का 3.37% है। इसके साथ ही इंडिया का कुल क़र्ज़ लगभग $2.47 ट्रिलियन डॉलर है।
निष्कर्ष :
महाशक्तियों का कर्ज और उनकी आर्थिक स्थिति एक-दूसरे से गहराई से जुड़ी हुई हैं। जब कर्ज का स्तर ऊँचा होता है, तो यह अर्थव्यवस्थाओं की विकास क्षमता और स्थिरता पर असर डालता है। उचित नीतियों और आर्थिक प्रबंधन के जरिए, ये देश अपने कर्ज को संभाल सकते हैं और प्रगति की ओर बढ़ सकते हैं।
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